क्यों छोड़े कोई आतंकवाद?
श्रीनगर का नवपुरा इलाका. मार्च, 2012 का एक दिन. दोपहर के तीन बज रहे थे. 70 वर्षीय वली मोहम्मद अपनी लकड़ी के फर्नीचर बनाने वाली दुकान में काम करने के बाद खाना-खाने घर आए थे. अभी खाना परोसा ही जा रहा था कि दरवाजे पर किसी के ठकठकाने की आवाज आई. वली दरवाजा खोलने के… Continue reading क्यों छोड़े कोई आतंकवाद?